tag:blogger.com,1999:blog-2179815305421953170.post1559051643985683967..comments2023-11-02T19:59:11.734+05:30Comments on अज़दक: पुरबिया फुटानीबाज का बरसाती इंटरनेट कनेक्शन शोकगीतazdakhttp://www.blogger.com/profile/11952815871710931417noreply@blogger.comBlogger8125tag:blogger.com,1999:blog-2179815305421953170.post-49827226728539847482013-08-22T16:28:30.838+05:302013-08-22T16:28:30.838+05:30ये भी बढ़िया है... बहुत बढ़िया...
जैसे इस स्थिति क...ये भी बढ़िया है... बहुत बढ़िया...<br />जैसे इस स्थिति का सामना करते हर व्यक्ति के मन के भाव को बयान मिल गया हो.अनुपमा पाठकhttps://www.blogger.com/profile/09963916203008376590noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2179815305421953170.post-1337092768911159722008-08-10T19:10:00.000+05:302008-08-10T19:10:00.000+05:30आज सुन पाये फ़ुटानीबाज का गीत। सुन्दर। शानदार। बैकग...आज सुन पाये फ़ुटानीबाज का गीत। सुन्दर। शानदार। बैकग्राउन्ड <BR/>गीत बहुत अच्छा लग रहा था और सामने से आपकी आवाज सोने में<BR/>सुहागा।अनूप शुक्लhttps://www.blogger.com/profile/07001026538357885879noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2179815305421953170.post-8087310192003092532008-08-06T23:43:00.000+05:302008-08-06T23:43:00.000+05:30का बाबू-साहब!,अपने के पुरबिहे हईं का? राउर नाटक-चर...का बाबू-साहब!,<BR/>अपने के पुरबिहे हईं का? राउर नाटक-चरित्तर सूनि-पऽढ़िके तऽ ईहे बुझाता। ईहे काथा एंहरो बा। बाह! मजा आ गइल।सिद्धार्थ शंकर त्रिपाठीhttps://www.blogger.com/profile/04825484506335597800noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2179815305421953170.post-55664036963689884452008-08-06T23:41:00.000+05:302008-08-06T23:41:00.000+05:30हा हा!! क्या इन्टनेट कनेक्शन व्यथा कथा रही-गीत भी ...हा हा!! क्या इन्टनेट कनेक्शन व्यथा कथा रही-गीत भी बहुत खूब सटाये हैं.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2179815305421953170.post-18748977776732506652008-08-06T18:25:00.000+05:302008-08-06T18:25:00.000+05:30दिल की अउर 'कनेक्शन' की अच्छी गिरह खोले हैं उस्ताद...दिल की अउर 'कनेक्शन' की अच्छी गिरह खोले हैं उस्ताद !<BR/><BR/>है? कि चला गया? कि है ?<BR/><BR/>भाई जी यो स्त्री मुक्ति को जमानो सै . थे तो ठहरया बीका नेता-नागर . तो अब तो जनाना के --लुगाई के -- होतां-सोतां भी पकौड़ी 'मोट्यार' बणाया करै . कनेक्शन चल्यो जावै तो बी 'टैम' को सदुपयोग करो अर बेसन में पाणी मिलाओ अर आप'इ कढाई चढाओ अर आप'इ पकौड़ी बणाओ . बा खाबा नै आ ज्यासी .<BR/><BR/>लाती मारने से का होगा ? रसोई में अंगद-सा पांव रोपिए . हाथ बेसन में ठेलिए . मुंह से पकौड़ी-पकौड़ी के तीनाक्षरी मंत्र का जाप करिए. मन हरा और पेट भरा होगा तो जगत-गति कम व्यापेगी .<BR/><BR/>राम-राम सा !Priyankarhttps://www.blogger.com/profile/13984252244243621337noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2179815305421953170.post-69811878503579132532008-08-06T17:50:00.000+05:302008-08-06T17:50:00.000+05:30पाँव लागी। आपके अउरी कनेकसनवो के। सही बीचार के सही...पाँव लागी। आपके अउरी कनेकसनवो के। <BR/>सही बीचार के सही सब्दों में पिरो देले बानी।Prabhakar Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/04704603020838854639noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2179815305421953170.post-36045277711665545212008-08-06T16:39:00.000+05:302008-08-06T16:39:00.000+05:30ई हमारी दशा आपको कइसे पता चल गयी गुरुदेव? का गरमी,...ई हमारी दशा आपको कइसे पता चल गयी गुरुदेव? का गरमी, का बरसात, हियां इंटरनेट कनेक्सनवा का तो रोजे इहे हाल रहता है। कबो कबो त सांचो मन करता है कि पीसीआ के पटक के फोर दें। बाकी फिर सोचते हैं कि ब्लॉगिंगवा कइसे करेंगे।Ashok Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/14682867703262882429noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2179815305421953170.post-70000882654288532222008-08-06T16:20:00.000+05:302008-08-06T16:20:00.000+05:30अरे ई हाल है. मौसम बदल रहा है न. सर्दी जुकाम लगे र...अरे ई हाल है. मौसम बदल रहा है न. सर्दी जुकाम लगे रहता है.Shivhttps://www.blogger.com/profile/05417015864879214280noreply@blogger.com