tag:blogger.com,1999:blog-2179815305421953170.post1753226088204584411..comments2023-11-02T19:59:11.734+05:30Comments on अज़दक: सपना होगा.. हक़ीक़त कैसी होगी, जुसेप्पे?..azdakhttp://www.blogger.com/profile/11952815871710931417noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-2179815305421953170.post-44375624662180359582008-11-03T16:23:00.000+05:302008-11-03T16:23:00.000+05:30डरते डरते चुपचाप मुम्बई में कदम रखने का विचार था प...डरते डरते चुपचाप मुम्बई में कदम रखने का विचार था परन्तु टीवी अखबार देख अब लगता है केवल डरते डरते ही नहीं सहमते व छिपते छिपाते यह काम करना होगा । और मत डराइए ।<BR/>घुघूती बासूतीghughutibasutihttps://www.blogger.com/profile/06098260346298529829noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2179815305421953170.post-23928952010998343032008-11-03T13:05:00.000+05:302008-11-03T13:05:00.000+05:30गाढ़े इमोशनल लैंडस्केप के धुंधले, दिवालियेपन को द...गाढ़े इमोशनल लैंडस्केप के धुंधले, दिवालियेपन को दूर करने में सहूलियत का कोई बैकग्राउंड स्कोर हमारी मदद नहीं करेगा<BR/>बहुत बढ़िया पंक्ति.....<BR/><BR/>मेंढक के रंग-रोगन पर खूब बारीके से गौर कर लिया , जबकि वो तो फुदकता हुआ निकल गया !!!<BR/><BR/>ये जो उड़न तश्तरी जी ने बात कही है ...हम इसे समझने की कोशिश कर रहे हैं....<BR/><BR/>कभी बताएंगे कि राउरकेला से इलाहाबाद कैसे पहुंचे...फिर वहां ...और वहां से यहां...सब कुछ....इधर ही बता डालिये , उधर न सही....अजित वडनेरकरhttps://www.blogger.com/profile/11364804684091635102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2179815305421953170.post-39405945548722421142008-11-03T07:31:00.000+05:302008-11-03T07:31:00.000+05:30पढ़ रहा हूँ...जितना समझ आ रहा है, समझ भी रहा हूँ..ज...पढ़ रहा हूँ...जितना समझ आ रहा है, समझ भी रहा हूँ..जारी रहिये.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.com