tag:blogger.com,1999:blog-2179815305421953170.post2149185520271837864..comments2023-11-02T19:59:11.734+05:30Comments on अज़दक: पेट साफ़ रखने के पक्ष में कुछ स्ट्रेट सुझाव..azdakhttp://www.blogger.com/profile/11952815871710931417noreply@blogger.comBlogger12125tag:blogger.com,1999:blog-2179815305421953170.post-2862249252470736852008-09-20T19:29:00.000+05:302008-09-20T19:29:00.000+05:30thanx pramod ji...................पेट साफ़ रखने के...thanx pramod ji...................<BR/>पेट साफ़ रखने के पक्ष में कुछ स्ट्रेट सुझाव..ke liye.RAJhttps://www.blogger.com/profile/03629974765289732103noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2179815305421953170.post-65094996525326569352008-09-02T20:53:00.001+05:302008-09-02T20:53:00.001+05:30per saf rakhne ke........bahut badhia ba........per saf rakhne ke........<BR/>bahut badhia ba........RAJhttps://www.blogger.com/profile/03629974765289732103noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2179815305421953170.post-45767342217012144822008-09-02T20:53:00.000+05:302008-09-02T20:53:00.000+05:30pet saf rakhne ke paksh.....'खाइएगा खेसाड़ी और हगि...pet saf rakhne ke paksh.....'खाइएगा खेसाड़ी और हगिएगा कलाकन्द, ऐसा कैसे होगा?'<BR/>bahut badia likhle bani pramod babu....RAJhttps://www.blogger.com/profile/03629974765289732103noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2179815305421953170.post-11943452772465251842007-11-01T23:36:00.001+05:302007-11-01T23:36:00.001+05:30क्या कलाकंदी पोस्ट है। :)क्या कलाकंदी पोस्ट है। :)अनूप शुक्लhttps://www.blogger.com/profile/07001026538357885879noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2179815305421953170.post-56999655402784235512007-11-01T23:36:00.000+05:302007-11-01T23:36:00.000+05:30क्या कलाकंदी पोस्ट है। :)क्या कलाकंदी पोस्ट है। :)अनूप शुक्लhttps://www.blogger.com/profile/07001026538357885879noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2179815305421953170.post-31946298263979880212007-11-01T12:08:00.000+05:302007-11-01T12:08:00.000+05:30हम कलाकंद का इलाका अलवर का बहुतै फ़ेमस कॉलेज़ में प...हम कलाकंद का इलाका अलवर का बहुतै फ़ेमस कॉलेज़ में पढाई-लिखाई किया हूं . बहुतै कलाकंदी समय रहा ऊ . कलाकंद खाते रहे अउर खिलाते रहे . पर एतना समझ लीजिए कि जो कलाकंद खाते हैं,ऊ बिदमान-पुरुष,बल्कि पुरुष नहीं महापुरुष ही कउन-सा कलाकंद हगते हैं . हिंदी का बुद्धिजीवी को शाप लगा है,ऊ कुछ भी खाये......<BR/><BR/>ई टिप्पणी ग्रेजुएशन का साथी प्रदीप पंचोली को याद करते हुए लिख रहा हूं . ओहका एक्सपर्टीज़ रहा बिना टका-पइसा दिये कलाकंद लाने में . कबहूं लिखेंगे ऊ कहानी . अबहीं ऊ पंचोली साहब वरिष्ठ अध्यापक हैं उहां .विद्यार्थी लोगन को इस क्षेत्र में कौनो गुरु-मंत्र दिए हैं कि नहीं पता नहीं .Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2179815305421953170.post-39522569872706013502007-11-01T10:25:00.000+05:302007-11-01T10:25:00.000+05:30ही ही ही... मैं तो अजदकी साहित्य आजकल यहीं पढ़ता ह...ही ही ही... मैं तो अजदकी साहित्य आजकल यहीं पढ़ता हूँ. और सोचता हूं कि आज नहीं तो कल थोड़ी बहुत मात्रा में मैं भी कुछ अजदकी हगना सीख जाऊंगा :)<BR/><BR/>हिन्दी साहित्य की तथाकथित पत्र-पत्रिकाओं की घोर अपठनीय सामग्री पर क़रारा व्यंग्य.रवि रतलामीhttps://www.blogger.com/profile/07878583588296216848noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2179815305421953170.post-88864145842418014542007-11-01T10:18:00.000+05:302007-11-01T10:18:00.000+05:30अभय जी से सहमति है लेकिन आप कलाकंद के पारखी जान पड़...अभय जी से सहमति है लेकिन आप कलाकंद के पारखी जान पड़ते हैं कृपया कुछ उत्तम कला-कंदों का पता बताइये. ताकि हम भी आनंदित हो सकें.हमें तो अभी तक पहचानने तक की भी शऊर नहीं है जी.और ये मजाक नहीं है जी.काकेशhttps://www.blogger.com/profile/12211852020131151179noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2179815305421953170.post-39715362750815216662007-11-01T09:50:00.000+05:302007-11-01T09:50:00.000+05:30आप क्या कह रहे हैं.. आज कल हम ब्लॉग के अलावा कुछ न...आप क्या कह रहे हैं.. आज कल हम ब्लॉग के अलावा कुछ नहीं पढ़ते.. टिप्पणी चाहने और उस की आस में करने के बाद कहाँ कुछ समय बचता है.. आप तो लगता है पार हो गए..फिर भी टिप्या रहा हूँ.. थोड़ा बहुत बचे हों तो हो जायं..अभय तिवारीhttps://www.blogger.com/profile/05954884020242766837noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2179815305421953170.post-65274156248298058192007-11-01T09:34:00.000+05:302007-11-01T09:34:00.000+05:30The visionary lies to himself, the liar only to ot...The visionary lies to himself, the liar only to others.<BR/>नीत्से के इस वचन का हिन्दी की चिरकुटाई के अनुरूप (वर्तमान संदर्भ में )अनुवाद करूँ तो होगा - विद्वान ज्ञान का फल खाता खुद के लिये है मगर हगता दूसरों के लिये है ।अपराजितhttps://www.blogger.com/profile/04145632302072616478noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2179815305421953170.post-48765568661542814622007-11-01T09:31:00.000+05:302007-11-01T09:31:00.000+05:30अजदक भाई पहली बात तो यह कि यह वाक्य बाबा नागार्जुन...अजदक भाई <BR/>पहली बात तो यह कि यह वाक्य बाबा नागार्जुन का नहीं एक कहावत है....<BR/>दूसरी यह कि आपकी पोस्ट ने चिरकीन की याद दिला दी आज की मेरी पोस्ट पढ़े....बोधिसत्वhttps://www.blogger.com/profile/06738378219860270662noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2179815305421953170.post-1094875330913589172007-11-01T08:02:00.000+05:302007-11-01T08:02:00.000+05:30उनका क्या करेंगे - जो खाते हैं फाइव स्टार हगते हैं...उनका क्या करेंगे - जो खाते हैं फाइव स्टार हगते हैं साम्यवादी!Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.com