tag:blogger.com,1999:blog-2179815305421953170.post252149892225954464..comments2023-11-02T19:59:11.734+05:30Comments on अज़दक: कितना समझता और सही चाहता है भारतीय मध्यवर्ग?..azdakhttp://www.blogger.com/profile/11952815871710931417noreply@blogger.comBlogger7125tag:blogger.com,1999:blog-2179815305421953170.post-33815955331861661492008-06-30T16:05:00.000+05:302008-06-30T16:05:00.000+05:30क्या किसान मध्यवर्ग के नहीं हो सकते? गुजरात आकर दे...क्या किसान मध्यवर्ग के नहीं हो सकते? गुजरात आकर देख जाएं.<BR/><BR/><BR/>गुजरात में बुद्धीजिवी? मजाक कर रहें है आप.संजय बेंगाणीhttps://www.blogger.com/profile/07302297507492945366noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2179815305421953170.post-43661624990674167692008-06-30T14:17:00.000+05:302008-06-30T14:17:00.000+05:30नई फोटो शानदार है कुछ कुछ जेम्स बांड जैसी आवाज म...नई फोटो शानदार है <BR/>कुछ कुछ जेम्स बांड जैसी <BR/>आवाज में अभी खनक है <BR/>सिगरेट पीना कम कीजिये हुज़ूरभोजन भट्टhttps://www.blogger.com/profile/09611097883807187777noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2179815305421953170.post-64898303976973008862008-06-30T02:46:00.000+05:302008-06-30T02:46:00.000+05:30Nice post...middle-class aspires to be in the high...Nice post...middle-class aspires to be in the higher league in future and naturally aligns with them...in process it forgets the poor...<BR/><BR/>That's why the comments like 'ye jhuggi jhopdi wale' are not uncommon in middle class drawing rooms.editorhttps://www.blogger.com/profile/17073543434209800940noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2179815305421953170.post-56319507789867023492008-06-29T21:09:00.000+05:302008-06-29T21:09:00.000+05:30बिल्कुल सही कह रहे हैं आप,बहुत ही प्रभावशाली लेख ....बिल्कुल सही कह रहे हैं आप,बहुत ही प्रभावशाली लेख ....thanksrakhshandahttps://www.blogger.com/profile/08686945812280176317noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2179815305421953170.post-60310849027310894962008-06-29T19:25:00.000+05:302008-06-29T19:25:00.000+05:30हम समझते हैं कि भारत को अमेरिकी मॉडल पर ले जाने की...हम समझते हैं कि भारत को अमेरिकी मॉडल पर ले जाने की सोच (या साजिश) पूंजीपतियों और उनके पैरवीकारों की है। उन पैरवीकारों में राजनेता भी शामिल है और दलाल किस्म के बुद्धिजीवी भी। <BR/><BR/>मध्य वर्ग की विडंबना यह है कि वह अपने सुख-दु:ख में इतनी डुबी रहती है कि उसे किसानों व आदिवासियों के बारे में सोचने का मौका ही नहीं मिलता। हालांकि जब किसान व आदिवासी नहीं रहेंगे तो इससे सबसे अधिक कष्ट शहरी मध्य व निम्न वर्ग को ही होगा।Ashok Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/14682867703262882429noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2179815305421953170.post-51509790028136134722008-06-29T14:41:00.000+05:302008-06-29T14:41:00.000+05:30मध्य वर्ग ऐसा चाहता है? कभी बात होती है कि उच्च वर...मध्य वर्ग ऐसा चाहता है? कभी बात होती है कि उच्च वर्ग और उद्योगपति ऐसा चाहते हैं. अब बात हो रही है कि मध्य वर्ग ऐसा चाहता है. कुछ 'विद्वान' कहते हैं कि सत्तर प्रतिशत आबादी सबसे बड़ी कंज्यूमर कम्यूनिटी है. मध्य वर्ग से भी बड़ी. और यही कारण है कि जनसँख्या वृद्धि पर लगाम लगाने की बात अब नहीं होती.<BR/><BR/>देश जहाँ पर खडा है वहां विभिन्न 'विद्वानों' के मत आपस में टकरायेंगे. और यह जरूरी भी है. ऐसे में किसी एक 'विद्वान' के मत को पूरी तरह से ठीक मान लेना शायद जल्दबाजी होगी. आख़िर आने वाला बदलाव (चाहे वो किसी भी तरफ़ ले जाए), बहुत महत्वपूर्ण है. और इतने बड़े बदलाव को तमाम तरह के आकलन और सोच का सामना करना ही पड़ेगा. ऐसा नहीं है कि ये केवल हमारे देश में होगा. दुनियाँ के सभी देशों में ऐसा ही हुआ है. देश के विकास का मॉडल अमेरिकी हो, देशी हो, यूरोपियन हो या फिर मंगल ग्रह से लाया गया हो, इतने बड़े देश की बहुत बड़ी आबादी के हाँ के बिना स्वीकार नहीं किया जायेगा.<BR/><BR/>जरूरत है, हमें तय करने की, कि हमारे लिए क्या ठीक है.<BR/><BR/>और एक बात. आज ही पता चला कि अहमदाबाद में भी 'बुद्धिजीवी' रहते हैं....:-)Shivhttps://www.blogger.com/profile/05417015864879214280noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2179815305421953170.post-22668934420297213292008-06-29T11:09:00.000+05:302008-06-29T11:09:00.000+05:30आशीष जी की चिंताएं वाजिब हैं और इसलिए उनका विरोध ह...आशीष जी की चिंताएं वाजिब हैं और इसलिए उनका विरोध हो रहा हैSatyendra Prasad Srivastavahttps://www.blogger.com/profile/11602898198590454620noreply@blogger.com