tag:blogger.com,1999:blog-2179815305421953170.post2565902784303333873..comments2023-11-02T19:59:11.734+05:30Comments on अज़दक: एक पतित पति (जापानी) के नोट्स..azdakhttp://www.blogger.com/profile/11952815871710931417noreply@blogger.comBlogger5125tag:blogger.com,1999:blog-2179815305421953170.post-72099237444570399632008-03-16T01:05:00.000+05:302008-03-16T01:05:00.000+05:30ठगिनी क्...ठगिनी क्यों नैना झमकावै ठगिनी....<BR/>मुंशी प्रेमचंद की कफन याद आ गई। द्विवेदी जी को हमसे पहले याद आई। घीसू भी दिखा और दम तोड़ती बुधिया भी नज़र आई...<BR/>सदानंद...सदानंद...अजित वडनेरकरhttps://www.blogger.com/profile/11364804684091635102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2179815305421953170.post-16295634670320069422008-03-15T22:40:00.000+05:302008-03-15T22:40:00.000+05:30मुन्शी जी की 'कफन याद आ गई'मुन्शी जी की 'कफन याद आ गई'दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2179815305421953170.post-68987392990764584622008-03-15T15:26:00.000+05:302008-03-15T15:26:00.000+05:30अरे यह है असली पतनशील पोस्ट...पतनी भी है ...सुशी(ल...अरे यह है असली पतनशील पोस्ट...<BR/>पतनी भी है ...सुशी(ल) भी है, ...और पतित पति के हाथों पतन भी हो रहा है...Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/16964389992273176028noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2179815305421953170.post-85980263649920032782008-03-15T13:47:00.000+05:302008-03-15T13:47:00.000+05:30क्या कहें, कुछ सूझ ही नहीं रहा. कहेंगे भी तो रेशम ...क्या कहें, कुछ सूझ ही नहीं रहा. कहेंगे भी तो रेशम में टाट के माफिक ही लगेगा. सो कहते कुछ नहीं, बस करते हैं: सलाम! वो भी झुक कर.Ghost Busterhttps://www.blogger.com/profile/02298445921360730184noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2179815305421953170.post-83692745025313784412008-03-15T10:39:00.000+05:302008-03-15T10:39:00.000+05:30हँ सूँ कि रो ऊँ !!***** बदकार औरतें .....एक ही बार...हँ सूँ कि रो ऊँ !!<BR/>***** <BR/><BR/>बदकार औरतें .....एक ही बार में <BR/>नहीं मरतीं <BR/>करती हैं नाटक मरने का हर रोज़ <BR/><BR/>मरते- मरते भी उठ कर <BR/>बना लाती है भर भर बाउल <BR/>सुशी <BR/>पर मर-मिट कर भी नही दे पातीं <BR/>एक अदद आदमी को <BR/>भर-पेट खुशी !!सुजाताhttps://www.blogger.com/profile/12373406106529122059noreply@blogger.com