tag:blogger.com,1999:blog-2179815305421953170.post4304871678482680859..comments2023-11-02T19:59:11.734+05:30Comments on अज़दक: सियाह बिछिलाहटें..azdakhttp://www.blogger.com/profile/11952815871710931417noreply@blogger.comBlogger10125tag:blogger.com,1999:blog-2179815305421953170.post-1061007158390013152009-11-30T23:26:11.683+05:302009-11-30T23:26:11.683+05:30ऊ धुन्ध और धुआं मा घिरे बाबू साहब का कौनो खरोष्ठी ...ऊ धुन्ध और धुआं मा घिरे बाबू साहब का कौनो खरोष्ठी लिपि का शिलालेख बांच रहे हैं का ? <br /><br />हस्तलेख कौनौ कलाकार मनई का बुझाता है . ई त कौनौ सिद्ध कैलीग्राफर का कलमकारी है.Priyankarhttps://www.blogger.com/profile/13984252244243621337noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2179815305421953170.post-28571599697062265552009-11-30T11:53:06.956+05:302009-11-30T11:53:06.956+05:30ऐसे पत्र हम प्रेमिका को लिखते थे... लिखते भी थे और...ऐसे पत्र हम प्रेमिका को लिखते थे... लिखते भी थे और पढ़ी ना जा सके यह भी मिशन रहता था... सब खुश!!!! बढ़िया फोटू...सागरhttps://www.blogger.com/profile/13742050198890044426noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2179815305421953170.post-14072368097964555812009-11-29T22:34:19.192+05:302009-11-29T22:34:19.192+05:30रेखाचित्रवा तो गजब का है----लेकिन राइटिंगिया नाहीं...रेखाचित्रवा तो गजब का है----लेकिन राइटिंगिया नाहीं बुझात बा---<br />हेमन्त कुमारडा0 हेमंत कुमार ♠ Dr Hemant Kumarhttps://www.blogger.com/profile/03899926393197441540noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2179815305421953170.post-58974397001049287482009-11-29T02:15:51.709+05:302009-11-29T02:15:51.709+05:30रेखाचित्र सुंदर हैं।रेखाचित्र सुंदर हैं।Ashok Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/14682867703262882429noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2179815305421953170.post-35429903874517283622009-11-28T17:34:06.804+05:302009-11-28T17:34:06.804+05:30आप मानेंगे नहीं...?
गरिष्ट के गरिष्ट ही रहेंगे। :...आप मानेंगे नहीं...? <br />गरिष्ट के गरिष्ट ही रहेंगे। :(<br /><br />देखता हूँ कब समझ में आते हैं... :(सिद्धार्थ शंकर त्रिपाठीhttps://www.blogger.com/profile/04825484506335597800noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2179815305421953170.post-84824482083564356512009-11-28T16:23:51.196+05:302009-11-28T16:23:51.196+05:30पड़ोस की मेडिकल की दूकान पर ले जाकर पढवाता हूँ..पड़ोस की मेडिकल की दूकान पर ले जाकर पढवाता हूँ..कुशhttps://www.blogger.com/profile/04654390193678034280noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2179815305421953170.post-56441863134247229012009-11-28T13:42:55.298+05:302009-11-28T13:42:55.298+05:30मुझे आप की यह पोस्ट भाषा के पारम्परिक विधान से ब्ल...मुझे आप की यह पोस्ट भाषा के पारम्परिक विधान से ब्लॉगरी की मुक्ति की तड़प सी लगती है। <br />बिछलन है कि सम्प्रेषण को अक्षर और शब्द वाक्यों से अलग करना है।<br /><br />बिछ्लन है कि चित्रकारी की तरह नया विधान गढ़ना है।<br /><br />..<br /><br />क्रम उलट गया है। रेखाचित्र को पहले आना चाहिए था और 'बिछ्लन लिखन' को बाद में - जिससे पारम्परिक विधानों से मुक्ति स्वयं सामने आती दिखती। <br />रेखाकित्र में लाइनों के दो वर्ग हैं - एक व्यक्ति का चित्र गढ़ते हैं तो दूसरे परिवेश को अपनी बिछ्लन से अभिव्यक्त करते हैं। <br />'बिछलन लिखन' में यह विभेद तनु हो जाता है और परिवेश को दिखाती लाइनें अक्षराभास देतीं उपर आ जाती हैं तो आकार दिखाती लाइनें अक्षराभास देती नीचे..मतलब कि एक सततता अस्तित्त्व और परिवेश के बीच। सम्प्रेषण क्या यही नहीं होता ?गिरिजेश राव, Girijesh Raohttps://www.blogger.com/profile/16654262548719423445noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2179815305421953170.post-43185724503416236722009-11-28T13:24:32.308+05:302009-11-28T13:24:32.308+05:30दोनों चित्र खूबसूरतदोनों चित्र खूबसूरतअफ़लातूनhttps://www.blogger.com/profile/08027328950261133052noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2179815305421953170.post-59328274803918498992009-11-28T12:06:44.100+05:302009-11-28T12:06:44.100+05:30हस्तलिपि खुद पढ़ने के लिए दुरुस्त है। रेखाचित्र अच...हस्तलिपि खुद पढ़ने के लिए दुरुस्त है। रेखाचित्र अच्छा बना है।दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2179815305421953170.post-36762346976443356952009-11-28T12:01:15.050+05:302009-11-28T12:01:15.050+05:30kiske naseeb me is patr ko padhnaa?kiske naseeb me is patr ko padhnaa?स्वप्नदर्शीhttps://www.blogger.com/profile/15273098014066821195noreply@blogger.com