tag:blogger.com,1999:blog-2179815305421953170.post4378711566422148006..comments2023-11-02T19:59:11.734+05:30Comments on अज़दक: सोचो तो..azdakhttp://www.blogger.com/profile/11952815871710931417noreply@blogger.comBlogger5125tag:blogger.com,1999:blog-2179815305421953170.post-44244000466067430742007-10-15T22:08:00.000+05:302007-10-15T22:08:00.000+05:30मन चंचल है, उसी की उधेड़ बून है:सोचो तो!!!सब कुछ सो...मन चंचल है, उसी की उधेड़ बून है:<BR/><BR/>सोचो तो!!!<BR/><BR/>सब कुछ सोच आधारित ही है भाई!!<BR/><BR/>बहुत बढ़िया.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2179815305421953170.post-82240587881617386232007-10-15T11:54:00.000+05:302007-10-15T11:54:00.000+05:30इश्क मीर एक भारी पत्थर हैकहां तुझ नातवां से उठता ह...इश्क मीर एक भारी पत्थर है<BR/>कहां तुझ नातवां से उठता है...चंद्रभूषणhttps://www.blogger.com/profile/11191795645421335349noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2179815305421953170.post-3843541050787994882007-10-15T10:47:00.000+05:302007-10-15T10:47:00.000+05:30जैसे सगा पुराना पहचाना......मन को उमेठनेवाली ए बात...जैसे सगा पुराना पहचाना......मन को उमेठनेवाली ए बातें बड़ी लुभावनी है...सर<BR/><BR/>आपका<BR/><BR/>नालायक और भटका भाई<BR/>बोधिसत्वबोधिसत्वhttps://www.blogger.com/profile/06738378219860270662noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2179815305421953170.post-14988527995482291322007-10-15T08:18:00.000+05:302007-10-15T08:18:00.000+05:30सबसे ऊपर जो फोटू दिख रिया है. वो पांडवों के साथी क...सबसे ऊपर जो फोटू दिख रिया है. वो पांडवों के साथी का तो नहीं है. आपके बार-बार सोचो-सोचो कहने पर हमने सोचा. सोचकर विचार आया कि न जाने कैसा होता होगा वो प्रेम जिसकी कल्पना कवि कर ले जाते हैं. हमारी शुभकामनाएं आपकी साथ हैं. फिलहाल आप-आप अच्छा ही अच्छा और सुकून देने वाला सोचते रहें. ज़िंदगी के डरावने पक्ष को भूल जाएं.Bhupenhttps://www.blogger.com/profile/05878017724167078478noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2179815305421953170.post-5003017184432561012007-10-15T08:17:00.000+05:302007-10-15T08:17:00.000+05:30अब उस पक्षी का इन्तेज़ार है?जो वीराना देख निपटेगा,औ...अब उस पक्षी का इन्तेज़ार है?<BR/>जो वीराना देख निपटेगा,<BR/>और निपटेगा बीज,<BR/>तब कहीं हट पाएगी वह खीज,<BR/>जिसका उस बंजर पर राज है ।Anonymousnoreply@blogger.com