tag:blogger.com,1999:blog-2179815305421953170.post453727554063908704..comments2023-11-02T19:59:11.734+05:30Comments on अज़दक: बच्चे की कहानीazdakhttp://www.blogger.com/profile/11952815871710931417noreply@blogger.comBlogger13125tag:blogger.com,1999:blog-2179815305421953170.post-2046369692400406542013-09-02T17:56:05.751+05:302013-09-02T17:56:05.751+05:30आप भागे हैं और अच्छा भागे हैं। सभी को एक बार जरूर ...आप भागे हैं और अच्छा भागे हैं। सभी को एक बार जरूर हिम्मत जुटानी चाहिए, अपनी भौतिक और सामाजिक संपदा से घिरे सुरक्षित भूगोल से भागने की। दुनिया बेहतर और ज्यादा जीने लायक हो जाएग्, इंसान भी ज्यादा जीने लायक हो जाएगा।आर. अनुराधाhttps://www.blogger.com/profile/16394670775058734814noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2179815305421953170.post-36823709452781018022013-08-17T17:56:43.377+05:302013-08-17T17:56:43.377+05:30मुझको कहां पता था, नहीं पता था, रावण को साथ-साथ लि...मुझको कहां पता था, नहीं पता था, रावण को साथ-साथ लिए फिर कहां घूमता?azdakhttps://www.blogger.com/profile/11952815871710931417noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2179815305421953170.post-86705677428908369632013-08-17T17:25:26.413+05:302013-08-17T17:25:26.413+05:30एक बड़ी डोलती नाव का मीठा, गुमसुम अंधेरा
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मौन ह...एक बड़ी डोलती नाव का मीठा, गुमसुम अंधेरा<br />***<br />मौन हम!अनुपमा पाठकhttps://www.blogger.com/profile/09963916203008376590noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2179815305421953170.post-21448781132700069292010-05-21T21:21:14.336+05:302010-05-21T21:21:14.336+05:30अगली बच्चे की कहानी में लिखीए, अम्मा मैं सो गया हू...अगली बच्चे की कहानी में लिखीए, अम्मा मैं सो गया हूँ,कल सुनाना कहानी... । मैं भानी को रोज कहानी सुनाती हूँ ,तब वह सोती है,और एक दिन कह रही थी ..मै. शादी के बाद भी तुमसे कहानी सुनूंगी तुम मुझे फोन पर कहानी सुनाना रोज फिर बोली नहीं मै यही रहूँगी, भैया से शादी करूंगी फिर समझाया गया.... भानी ने शाहरूख से शादी का प्रस्ताव रखा है.. :)आभाhttps://www.blogger.com/profile/04091354126938228487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2179815305421953170.post-72239394246246385512010-05-20T08:44:24.449+05:302010-05-20T08:44:24.449+05:30भाग तो जाय पर न जाने कौन कौन से बन्धन इसके बाद भी ...भाग तो जाय पर न जाने कौन कौन से बन्धन इसके बाद भी हो..पता नही इसके बाद भूत-प्रेत हो या ढेर सारी परिया.. पता नही अब तो सब ’मृग मरीचिका ’ प्रतीत होती है जैसे किसी ने हमे उलझाके रखा है.. जैसे एक सीडी ड्राईव मे एक सीडी फंसी हो और घूमती जा रही हो.. साथ साथ बाहर आने के लिये तड़प रही हो.. जैसे कोई फतिंगा बंद कमरे में खुली खिड़की/रोशनदान ढूंढ रहा हो.. जैसे अम्मा पीछे से पुकारे जा रही हो..<br /><br />कैफ़ी साहब ने भी कहा था.. खैर आपको तो सब पता ही होगा.. :) <br /><br />चंद रेखाओं में सीमाओं में <br />ज़िन्दगी कैद है सीता की तरह, <br />राम कब लौटेंगे मालूम नहीं, <br />काश, रावण ही कोई आ जाता.......Pankaj Upadhyay (पंकज उपाध्याय)https://www.blogger.com/profile/01559824889850765136noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2179815305421953170.post-40346946362849863352010-05-19T18:23:54.468+05:302010-05-19T18:23:54.468+05:30कहां जाएं भागकर?
आखिर भागकर कहां-कहां जाएगा बच्च...कहां जाएं भागकर? <br />आखिर भागकर कहां-कहां जाएगा बच्चा। दुनिया अपने होने तलक जैसी है, तब तक तो जहां भी जाएगा, हर जगह से भागने को जी चाहेगा।मनीषा पांडेhttps://www.blogger.com/profile/01771275949371202944noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2179815305421953170.post-16297956982086641272010-05-19T14:04:51.489+05:302010-05-19T14:04:51.489+05:30मन को गहरे छू गयी यह अद्भुद प्रविष्टि....
कितना कि...मन को गहरे छू गयी यह अद्भुद प्रविष्टि....<br />कितना कितना कुछ सिमटा हुआ है इसमें....<br /><br />बहुत बहुत बहुत ही सुन्दर लेखन....रंजनाhttps://www.blogger.com/profile/01215091193936901460noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2179815305421953170.post-17367979824713746802010-05-19T06:32:29.015+05:302010-05-19T06:32:29.015+05:30सपनो की ओर ठेलती हवा मगर मिटटी की खुशबू बांधे रखती...सपनो की ओर ठेलती हवा मगर मिटटी की खुशबू बांधे रखती है.... ये बंधन कैसे तोडा जाये ,,,क्या यही सोचता है दिल ....Renu goelhttps://www.blogger.com/profile/13517735056774877294noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2179815305421953170.post-75253639108812246012010-05-18T23:30:43.865+05:302010-05-18T23:30:43.865+05:30पोस्ट तो बढ़िया है।
बकि आप पूरा लिखिए कि - अम्मा...पोस्ट तो बढ़िया है।<br /><br /> बकि आप पूरा लिखिए कि - अम्मा मैं अपने आप से भाग कर मुंबई आ गया हूँ। <br /><br /> क्यों मेरे और मेरे जैसे कईयों के अतीत को खुलिहार रहे हैं जनाब....सतीश पंचमhttps://www.blogger.com/profile/03801837503329198421noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2179815305421953170.post-11585075213681324792010-05-18T22:35:54.844+05:302010-05-18T22:35:54.844+05:30waah badi hi sundar bholi aur komal rachna...waah badi hi sundar bholi aur komal rachna...दिलीपhttps://www.blogger.com/profile/15304203780968402944noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2179815305421953170.post-60371893954971505312010-05-18T22:23:57.500+05:302010-05-18T22:23:57.500+05:30अम्मा मैं भाग गया हूं- क्या बात है। :)अम्मा मैं भाग गया हूं- क्या बात है। :)अनूप शुक्लhttps://www.blogger.com/profile/07001026538357885879noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2179815305421953170.post-48026610621021382362010-05-18T22:23:57.499+05:302010-05-18T22:23:57.499+05:30बढिया लिखा है
सार्थल लेखन को बढावा दे और ऊल जुलू...बढिया लिखा है <br /><br />सार्थल लेखन को बढावा दे और ऊल जुलूल पोस्टो पर प्रतिक्रिया से बचे.<br />सादर<br />हरि शर्मा<br />http://hariprasadsharma.blogspot.com/<br />http://koideewanakahatahai.blogspot.com/<br />http://sharatkenaareecharitra.blogspot.comAnonymoushttps://www.blogger.com/profile/13199219119636372821noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2179815305421953170.post-17101546817860231372010-05-18T21:32:01.180+05:302010-05-18T21:32:01.180+05:30"इतने दिनों बाद सिर्फ एक बार ही पढ़ने से समझ ..."इतने दिनों बाद सिर्फ एक बार ही पढ़ने से समझ आ गई और मज़ा आ गया पर अम्मा के सम्वादों से आँखों के किनारे भर आए...बाकि का इंतज़ार रहेगा.."Amitraghathttps://www.blogger.com/profile/13388650458624496424noreply@blogger.com