tag:blogger.com,1999:blog-2179815305421953170.post4778771269198868654..comments2023-11-02T19:59:11.734+05:30Comments on अज़दक: दैट गर्ल इन येल्लो बूट्स व अन्य ऐसी ही कोई तो स्क्रिनिंग..azdakhttp://www.blogger.com/profile/11952815871710931417noreply@blogger.comBlogger6125tag:blogger.com,1999:blog-2179815305421953170.post-63496574276424724852010-09-22T07:27:42.297+05:302010-09-22T07:27:42.297+05:30@पंकज, क्या करोगे, लिखना बंद करवाओगे?@पंकज, क्या करोगे, लिखना बंद करवाओगे?azdakhttps://www.blogger.com/profile/11952815871710931417noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2179815305421953170.post-9667037992312909502010-09-22T02:35:48.660+05:302010-09-22T02:35:48.660+05:30पिछली बार तो शब्द चर्चा के जरिये थोडा कुछ सर के पा...पिछली बार तो शब्द चर्चा के जरिये थोडा कुछ सर के पास से गुज़रा था.. आज लग रहा है कि हमारी हाईट कम पड गयी है.. :)<br /><br />सारे शब्दों में एक उमगन दिखी.. सबसे मिल लिया.. सबसे अच्छे से ’अचक्के’ से मिला.. और सबसे मिलने के बावजूद अंत में यही रह जाता है कि जैसे कुछ था जो मुझ तक नहीं पहुंचा.. या कोई ऎसी बात जो ये सारे शब्द मुझसे छुपा ले गये..<br /><br />*ऊपर लिखने के बाद अभी अभी ’अचक्के’ को गूगल किया तो वो बाबा भी आप तक ही चहुँपाते हैं..Pankaj Upadhyay (पंकज उपाध्याय)https://www.blogger.com/profile/01559824889850765136noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2179815305421953170.post-13545512618831620172010-09-22T01:16:50.956+05:302010-09-22T01:16:50.956+05:30बढ़िया गद्यांश ।बढ़िया गद्यांश ।शरद कोकासhttps://www.blogger.com/profile/09435360513561915427noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2179815305421953170.post-85721001682392055932010-09-21T08:52:17.948+05:302010-09-21T08:52:17.948+05:30गुरु, हथबारात की रात के बाद हम अगला तमाशा क्या दे...गुरु, हथबारात की रात के बाद हम अगला तमाशा क्या देखने जा रहे हैं?Ashok Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/14682867703262882429noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2179815305421953170.post-24900197895502385032010-09-20T20:26:31.775+05:302010-09-20T20:26:31.775+05:30चकाचक !
वैसे येल्लो बूट वाली फिल्म का हमें भी इंतज़...चकाचक !<br />वैसे येल्लो बूट वाली फिल्म का हमें भी इंतज़ार हैडॉ .अनुरागhttps://www.blogger.com/profile/02191025429540788272noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2179815305421953170.post-78162517439549106702010-09-20T12:42:55.691+05:302010-09-20T12:42:55.691+05:30पता नहीं दिल्ली शहर था या बिल्लीनगरी कोई और. झाल...पता नहीं दिल्ली शहर था या बिल्लीनगरी कोई और. झालरसजी कईरंगी हाथी की बारात थी<br /><br /><br />और इसी बरात के बाराती अपन है.... यहाँ वहाँ खीज उतारते रहते हैं.<br /><br /><br />अपनी सवेदनाओ को अच्छी अभियक्ति दी है आपने. साधुवाद.दीपक बाबाhttps://www.blogger.com/profile/14225710037311600528noreply@blogger.com