tag:blogger.com,1999:blog-2179815305421953170.post6654668865242601582..comments2023-11-02T19:59:11.734+05:30Comments on अज़दक: चोखवालियां, जो शोख नहीं हैं, इतनी हड़बड़ी में क्यों हैं?..azdakhttp://www.blogger.com/profile/11952815871710931417noreply@blogger.comBlogger5125tag:blogger.com,1999:blog-2179815305421953170.post-91456345085025536302008-08-28T00:48:00.000+05:302008-08-28T00:48:00.000+05:30हमने तो चार बातें पढ़ी-सुनी हैं:1 प्राणी जगत में को...हमने तो चार बातें पढ़ी-सुनी हैं:<BR/>1 प्राणी जगत में कोई मादा सुन्दर नहीं होती, फिर चाहे वह मोरनी हो, मुर्गी हो, शेरनी हो, या फिर स्त्री हो! (बेशक शक्ति वाली हों)<BR/>2 कोई स्त्री सुन्दर नहीं होती, बल्कि सुन्दर होने का दिखावा करती है! (इसिलिये तो देखी जातीं हैं)<BR/>3 जो स्त्री सोकर उठने के बाद सुंदर लगे, वही सुंदर होती है! (गूढ़ अर्थ है)<BR/>4 सुंदरता देखने वाले की आँखों में होती है। (गौर कीजियेगा, देखने वाली की, नहीं कहा जाता)<BR/><BR/>और एक बात: कोसने के लिये, नारी की कोख से पुरूष का जनम, पुरूष की मानसिकता, अपनी माँ/ पुत्री के प्रति आपकी सोच जैसे परम्परावादी/ रूढ़िवादी/ घिसे-पिटे जुमलों का उपयोग न करें, कुछ नयी रचना करे!पतिनुमा प्राणीhttps://www.blogger.com/profile/12163827035253439551noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2179815305421953170.post-88710161186803923352008-02-09T16:32:00.000+05:302008-02-09T16:32:00.000+05:30सबको संगठित होने का अधिकार है,किसी का लिखा पढ़ने के...सबको संगठित होने का अधिकार है,किसी का लिखा पढ़ने के बाद ही तो पता चलता है कि कौन हसीन है....पर ये सब भी मुझे मिथ्या ही लग रहा है..मन की आँखे खोल कर देखना होगा..VIMAL VERMAhttps://www.blogger.com/profile/13683741615028253101noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2179815305421953170.post-35812991169010616302008-02-09T11:34:00.000+05:302008-02-09T11:34:00.000+05:30अजी "हसीन" हम भी कुछ कम नहीं..:-) 'दुनिया की हर औ...अजी "हसीन" हम भी कुछ कम नहीं..:-) <BR/><BR/>'दुनिया की हर औरत ख़ूबसूरत होती है और हर पुरुष दीवाना।'- डॉ.(?) काकेशकाकेशhttps://www.blogger.com/profile/12211852020131151179noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2179815305421953170.post-30830986272337623832008-02-09T10:09:00.000+05:302008-02-09T10:09:00.000+05:30गंगा से लेकर अंबे तक और ठंड से लेकर चोख बाली तक। द...गंगा से लेकर अंबे तक और ठंड से लेकर चोख बाली तक। दिलचस्प है। ऊपर एक 'हसीनता' की निरंतर खोज...अनिल रघुराजhttps://www.blogger.com/profile/07237219200717715047noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2179815305421953170.post-73761175786354394792008-02-09T10:05:00.000+05:302008-02-09T10:05:00.000+05:30'दुनिया की हर औरत ख़ूबसूरत होती है ।'- डॉ. लोहिया'दुनिया की हर औरत ख़ूबसूरत होती है ।'- डॉ. लोहियाअफ़लातूनhttps://www.blogger.com/profile/08027328950261133052noreply@blogger.com