tag:blogger.com,1999:blog-2179815305421953170.post8192207084855740719..comments2023-11-02T19:59:11.734+05:30Comments on अज़दक: आमतौर पर छेरते रहनेवाले बचपने के विरुद्ध..azdakhttp://www.blogger.com/profile/11952815871710931417noreply@blogger.comBlogger9125tag:blogger.com,1999:blog-2179815305421953170.post-91468909690824560462008-04-18T21:40:00.000+05:302008-04-18T21:40:00.000+05:30आप किसी टुन्नू मुन्नू से कम हैं क्या ?आप किसी टुन्नू मुन्नू से कम हैं क्या ?अजित वडनेरकरhttps://www.blogger.com/profile/11364804684091635102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2179815305421953170.post-41488918143258882962008-04-17T19:01:00.000+05:302008-04-17T19:01:00.000+05:30राजस्थानी में एक कहावत है :'टांडै क्यूं? सांड हूं ...राजस्थानी में एक कहावत है :<BR/><BR/>'टांडै क्यूं? सांड हूं , छेरै क्यूं? गऊ को जायो हूं'<BR/><BR/>बाकी आप खुदै समझदार हैं सो विश्लेषण क्या करना . छेरन क्रिया की त्वरा और उसके फ़ोर्स के सामने कोई ठेंपी काम नहीं करती . एक और राजस्थानी कहावत यही बात इस तरह कहती है कि 'पून भींच्यां पूंकाड़ो कोन्या डटै'. <BR/><BR/>किछु बूझलेन ?Priyankarhttps://www.blogger.com/profile/13984252244243621337noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2179815305421953170.post-58739829690271348352008-04-17T11:07:00.000+05:302008-04-17T11:07:00.000+05:30बहुत ज्यादा छेरिएगा न, तो स्थानीय संपादक बना देंगे...बहुत ज्यादा छेरिएगा न, तो स्थानीय संपादक बना देंगे। फिर तो ठेंपिए नहीं लगेगा, छेरते ही रह जाइएगा चौबीसो घंटे। बुझाया कुछ कि नहीं बुझाया, ऐं?चंद्रभूषणhttps://www.blogger.com/profile/11191795645421335349noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2179815305421953170.post-35347225781078301272008-04-17T07:05:00.000+05:302008-04-17T07:05:00.000+05:30"...इस ई-मेल सब्सक्रीप्शन की लेट-लतीफी का तो हमा...<B>"...इस ई-मेल सब्सक्रीप्शन की लेट-लतीफी का तो हमारे पास भी जवाब नहीं...."</B><BR/><BR/>इसका जवाब किसी के पास नहीं क्योंकि फ़ीडबर्नर से रीडायरेक्ट होने में कोई घंटाभर लग ही जाता है.<BR/><BR/>फ़ीडबर्नर सेवा की दिक्कत है.रवि रतलामीhttps://www.blogger.com/profile/07878583588296216848noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2179815305421953170.post-77465756740398098822008-04-17T00:12:00.000+05:302008-04-17T00:12:00.000+05:30@जोशिम प्यारे, इस ई-मेल सब्सक्रीप्शन की लेट-लती...@जोशिम प्यारे, इस ई-मेल सब्सक्रीप्शन की लेट-लतीफी का तो हमारे पास भी जवाब नहीं.. (हमने किसी दुबईवाले भाई के खिलाफ़ कभी कुछ लिखा भी नहीं?).. शायद किसी तकनीकी ऊंट के पास इस सरसों सवाल का समाधान हो? कुछ ख़बर लगती है तो आपको इत्तिला करता हूं..azdakhttps://www.blogger.com/profile/11952815871710931417noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2179815305421953170.post-64144650263523302932008-04-16T23:44:00.000+05:302008-04-16T23:44:00.000+05:30क्या गुरूजी - "परिचय" सलीमा देख कर उठे क्या ? [ :-...क्या गुरूजी - "परिचय" सलीमा देख कर उठे क्या ? [ :-)] p.s. - हम ई-मेल सब्स्क्राईब किए हैं पर पोस्ट लेट आता है (एक पुराना) - ऐसा क्यों ?Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/08624620626295874696noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2179815305421953170.post-68509213452536893872008-04-16T22:26:00.000+05:302008-04-16T22:26:00.000+05:30और, इसीलिए तो हम आपके इसी, अजदकी, छेरने वाले अजब अ...और, इसीलिए तो हम आपके इसी, अजदकी, छेरने वाले अजब अंदाज के दीवाने हैं!रवि रतलामीhttps://www.blogger.com/profile/07878583588296216848noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2179815305421953170.post-24176156428177853012008-04-16T21:55:00.001+05:302008-04-16T21:55:00.001+05:30ये क्या टुन्नात्मक विश्लेषण करने बैठ गए आप? बनी रह...ये क्या टुन्नात्मक विश्लेषण करने बैठ गए आप? बनी रहने दीजिये थोडी सी टुन्नूनेस. का बिगाड़ती है?<BR/>बाकी समझ में आया: <B>साढे चौबीस परसेंट.</B>Ghost Busterhttps://www.blogger.com/profile/02298445921360730184noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2179815305421953170.post-89700944913041618962008-04-16T21:55:00.000+05:302008-04-16T21:55:00.000+05:30बहुए गजब महकाईन फैलाये हो भाई..का माफ करीं???बहुए गजब महकाईन फैलाये हो भाई..का माफ करीं???Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.com