tag:blogger.com,1999:blog-2179815305421953170.post8266344341449209238..comments2023-11-02T19:59:11.734+05:30Comments on अज़दक: गर्मी के बेदम होंगे?..azdakhttp://www.blogger.com/profile/11952815871710931417noreply@blogger.comBlogger11125tag:blogger.com,1999:blog-2179815305421953170.post-26940731883666699262008-06-08T00:19:00.000+05:302008-06-08T00:19:00.000+05:30परमोद जा,झम बहुत दिन बाद कहीं देखा। याद आया बचपन म...परमोद जा,<BR/>झम बहुत दिन बाद कहीं देखा। याद आया बचपन में बागड़ चाचा का नारा था- मार देब बम से, उड़ जईबा झम से ।<BR/>यह झम डिसअपियर नहीं अंतर्घ्यान होना है और बम में गरमी होती है। बाम्बस आर मेनली आफ थ्री टाइप इन इंडिया नोन एज जाड़ा बम, गरमी बम एंड बरखा बम एंड दे आल आर कैपेबल आफ किलिंग इक्वल नंबर आव पीपल एवरी सीजन। वन पोएट नेम रगुवीर साहाया हैव रिटेन अ पोएम पहले जाड़ा आया......<BR/><BR/>तो जरा आरजे की तरह कहिए-यह रेडियो मिर्ची की मारदेबबमसेउड़जईबाझमसे सेवा है अब कौमी लिटरेरीखबरें खबरें सुनिए- एक पोएट (पोवा नहीं पोएट) इंडिया में गरमी पर कविता लिख रहा है। उसकी पोएट्री में सूरज की चालीस वाट का बल्ब है, लू की जगह पेडस्टल चला चमकीली पन्नी उ़ड़ा हरीकेन है, सुराही की जगह पेप्सी की प्लािस्टक की बीस वाली बाटल है और पथिक को उसने अभी घर के दरवाजे पर एक रूपए लेकर पानी का पाऊच पिलाया है। उसे डस्ट एलर्जी है सो उसने एसी के लिए लोन अप्लाई किया है। और हां अभी उसने एक चैनल की आलोचक लगती लड़की से बाईट में कहा कि वह ग्लोबल वार्मिंग पर लिखेगा। गरमी पर लिखना पिछड़ापन है, वह काम पहले ही नई झुलनी की छईयां बलम दुपहरिया छहांय ला हो नामक सवॆकालिक महान पोएट्री में किया जा चुका है।नीलोफरhttps://www.blogger.com/profile/15699132125888610790noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2179815305421953170.post-3082638636574597862008-05-31T18:03:00.000+05:302008-05-31T18:03:00.000+05:30लेखको के ये पंगे ,दुनिया मे कम ना गरियायेगे ये आपस...लेखको के ये पंगे ,दुनिया मे कम ना <BR/>गरियायेगे ये आपस मे ,झमेले जम के होंगे<BR/>प्रमोद तुम्हारे पास तो, है चीन का अभी वीजा<BR/>हमे तो झेलना है, अफ़सोस तुम ना होगे<BR/><BR/>कोई साहित्यकार है यहा, कोई पत्रकार बडा है<BR/>फ़िर भी ब्लोगरो के सर से ,ये ताज कम ना होगे <BR/>कविता लिखी थी हमने, तुम ढूढ आये दुनिया<BR/>यू नाराज हम बहुत है, पर अखलाक कम ना होगे"Arun Arorahttps://www.blogger.com/profile/14008981410776905608noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2179815305421953170.post-69888007764939671652008-05-31T01:34:00.000+05:302008-05-31T01:34:00.000+05:30हद है, बाबू, सपनो में चैन से नै रहने दोगे?हद है, बाबू, सपनो में चैन से नै रहने दोगे?azdakhttps://www.blogger.com/profile/11952815871710931417noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2179815305421953170.post-55334429537884706662008-05-31T01:26:00.000+05:302008-05-31T01:26:00.000+05:30लगे रहिये गुरूजी अब तो कले भेटायेंगे पिरणाम.लगे रहिये गुरूजी <BR/>अब तो कले भेटायेंगे <BR/>पिरणाम.बालकिशनhttps://www.blogger.com/profile/18245891263227015744noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2179815305421953170.post-44358040775495655632008-05-31T00:55:00.000+05:302008-05-31T00:55:00.000+05:30नहीं, लाल बाल, सपने में हूं.नहीं, लाल बाल, सपने में हूं.azdakhttps://www.blogger.com/profile/11952815871710931417noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2179815305421953170.post-86187494484513429322008-05-31T00:45:00.000+05:302008-05-31T00:45:00.000+05:30गुरूजी..गुरूजी.. गुरूजी....सो गए क्या?गुरूजी..<BR/>गुरूजी.. गुरूजी....<BR/>सो गए क्या?बालकिशनhttps://www.blogger.com/profile/18245891263227015744noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2179815305421953170.post-73087879983668406632008-05-31T00:33:00.000+05:302008-05-31T00:33:00.000+05:30गुरूजी मजा और सज़ा हम कवीयों को गर्मी या सर्दी स...गुरूजी मजा और सज़ा हम कवीयों को गर्मी या सर्दी से नही आता बल्कि ये तो दिमाग मे ही होता है.<BR/>अब आप पूछोगे की वो (दिमाग) कंहा है?<BR/>नहीं.....नहीं...... पूछो......पूछो....<BR/>चलिय हम बता देते हैं.<BR/>वही होता तो फ़िर क्या बात थी?<BR/>अगर होता तो इस वक्त क्या.........बालकिशनhttps://www.blogger.com/profile/18245891263227015744noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2179815305421953170.post-40179140922704642262008-05-30T23:51:00.000+05:302008-05-30T23:51:00.000+05:30@किशन बाल,ऐसी गरमी में मज़ा आ रहा है? और अपने को क...@किशन बाल,<BR/><BR/>ऐसी गरमी में मज़ा आ रहा है? और अपने को कवि कहते हैं?<BR/>और @समीरन भैया, स्त्री के भेस वाले सपने से गरमी जानी हो तो हम आज ही शरारा सिलने को दे दें, पैसा आप कनैडियन डालर वाला डाक से पठा दीजियेगा?azdakhttps://www.blogger.com/profile/11952815871710931417noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2179815305421953170.post-39610780995869082892008-05-30T23:47:00.000+05:302008-05-30T23:47:00.000+05:30गुरूजी (आज से यही कहूँगा)चिकोटी काट रहे हो.काटो, ख...गुरूजी (आज से यही कहूँगा)<BR/>चिकोटी काट रहे हो.<BR/>काटो, खूब काटो.<BR/>मजा आ रहा है कसम से.बालकिशनhttps://www.blogger.com/profile/18245891263227015744noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2179815305421953170.post-5590509277491471602008-05-30T22:49:00.000+05:302008-05-30T22:49:00.000+05:30यह वाली कविता मेरी है, मूंगफली वाले को कॉपी बेच दी...यह वाली कविता मेरी है, मूंगफली वाले को कॉपी बेच दी थी. कहाँ मिली?विजयशंकर चतुर्वेदीhttps://www.blogger.com/profile/12281664813118337201noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2179815305421953170.post-43157043671639131132008-05-30T22:41:00.000+05:302008-05-30T22:41:00.000+05:30आज टपरे के नीचे ईस्त्रीवाले के भेस में के सपने की...आज टपरे के नीचे ईस्त्रीवाले के भेस में के सपने की बारी है. <BR/><BR/>गरमी से ऐसे ही बेदम होते रहे तो वो दिन दूर नहीं जब आप कहेंगे कि: <BR/><BR/>आज टपरे के नीचे <B>स्त्री के भेस</B> में के सपने की बारी है.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.com