tag:blogger.com,1999:blog-2179815305421953170.post8606369149468871451..comments2023-11-02T19:59:11.734+05:30Comments on अज़दक: डायरी के भीतर क्या है?..azdakhttp://www.blogger.com/profile/11952815871710931417noreply@blogger.comBlogger8125tag:blogger.com,1999:blog-2179815305421953170.post-85703511421236551982007-11-23T17:25:00.000+05:302007-11-23T17:25:00.000+05:30मैं भी दो चार दिनों से सोच ही रहा था की डायरी के ब...मैं भी दो चार दिनों से सोच ही रहा था की डायरी के बरे में कुछ लिखूँ. की तभी आपका लेख दिख गया आज. और सच कहूँ तो मेरा सोचने का नजरिया थोड़ा तो बदला ही. बाकि जब अपना लेख लिखूँगा तो आपको बता ही दूंगा.पुनीत ओमरhttps://www.blogger.com/profile/09917620686180796252noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2179815305421953170.post-61400746510564964792007-11-22T20:51:00.000+05:302007-11-22T20:51:00.000+05:30Diary to kya kuch bhi likhne padne ki baat poochiy...Diary to kya kuch bhi likhne padne ki baat poochiye,bahut bahut dino tak kuch nahi ho pata ya jo log bahut kuch kar bhi rahe woh bhi kitna bhara hua hai, pata nahi, yatraon par diary jarur likhta tha, ab choonki yatrain bhio yatrain jaisi nahi hain isliye unki smritian kaid karne ki jarurat nahi banti, isliye diary ke page nahi bahrte. aisa kuch ho sake ki kuch yaad karne jaisa kuch likhoon iski iccha jarur abhi mari nahi hai, dekhiye kab yah sab fir se shuru hota hai,...<BR/>sector 9 vasundhara, gzd se jossi sanjayAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2179815305421953170.post-53791937595674091242007-11-22T17:06:00.000+05:302007-11-22T17:06:00.000+05:30और हां आप भी कहां मेरे अखबार की स्पांसरशिप के चक्क...और हां आप भी कहां मेरे अखबार की स्पांसरशिप के चक्कर में पड़ गए, तो ईजिप्ट छोड़िए जयपुर भी ना आ पाएंगे, आप तो बस आ जाइए, स्पांसर हम कर देंगे। घर बहुत बड़ा ना सही, दिल तो बड़ा है।नीलिमा सुखीजा अरोड़ाhttps://www.blogger.com/profile/14754898614595529685noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2179815305421953170.post-52293362758371070542007-11-22T17:02:00.000+05:302007-11-22T17:02:00.000+05:30डायरी वायरी लिखना छोड़िए , आपके मेरे जैसे सब पागल ...डायरी वायरी लिखना छोड़िए , आपके मेरे जैसे सब पागल लोग डायरी लिखते ही हैं। और कब कहां क्या बात दिल को छू गई और कहां किस बात पे आंख में से आंसू टपक पड़े थे लड़िकयों की डायरी में ये सब विवरण भी मिल जाएगा(वैसे मैं रोती नहीं हूं) <BR/>पर आप मुझे हिन्दी लिखना सिखाने के लिए जयपुर आ रहे हैं अपना सामान पैक करिए , जो भी अगली गाड़ी मिलती है पकड़िए और जयपुर आइए। और यहीं से मिस्र और यूनान घूमने का प्रोग्राम तय कर लेंगे। लौटती डाक से जवाब भेज दीजिएगा, स्टेशन पर लेने भी तो आना पड़ेगा।नीलिमा सुखीजा अरोड़ाhttps://www.blogger.com/profile/14754898614595529685noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2179815305421953170.post-45692535679372944712007-11-22T15:00:00.000+05:302007-11-22T15:00:00.000+05:30डायरी कुछ ऐसी भी हो सकती है , कि उसमें मनुष्य वह स...डायरी कुछ ऐसी भी हो सकती है , कि उसमें मनुष्य वह सब लिखे जो वह महसूस करता है और वह भी जो वह एक बाहर खड़े दर्शक की तरह अपने अन्दर देखता है । बहुत ही सुकून देने वाली और बहुत ही क्रूरता से अपना विश्लेषण करने वाली भी ।<BR/>घुघूती बासूतीghughutibasutihttps://www.blogger.com/profile/06098260346298529829noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2179815305421953170.post-91065115430094121762007-11-22T14:27:00.000+05:302007-11-22T14:27:00.000+05:30हमने तो बहुत साल पहले एक-दो बार लिखने की कोशिश की ...हमने तो बहुत साल पहले एक-दो बार लिखने की कोशिश की थी. पर चूंकि रेगुलर नहीं हो सके, लिहाजा छोड़ दी.इष्ट देव सांकृत्यायनhttps://www.blogger.com/profile/06412773574863134437noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2179815305421953170.post-75725894336958179262007-11-22T12:05:00.000+05:302007-11-22T12:05:00.000+05:30डायरी के भीतर क्या है बहुत कम ही होंगे बताने वाले ...डायरी के भीतर क्या है बहुत कम ही होंगे बताने वाले साहसी ! अपने द्वंद्व ,कुंठा ,पीडा को अब कौन बताता जताता है .... ! अब तो लॉक वाली डायरियां भी आने लगी हैं ! बच्चों के लिए रंगीन कार्टून छ्पी डायरियां भी हैं ..उसके शुरू में फेवरेट एक्ट्रेस ,खिलाडी हॉबीज..वगैरह को दर्ज करने के कॉलम्स भी होते हैं ...हम कहां जा रहे हैं ?<BR/><BR/>22 नवंबर, 2007 12:02 अपराह्नNeelimahttps://www.blogger.com/profile/14606208778450390430noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2179815305421953170.post-63534435767282920732007-11-22T12:02:00.000+05:302007-11-22T12:02:00.000+05:30This comment has been removed by the author.Neelimahttps://www.blogger.com/profile/14606208778450390430noreply@blogger.com