Monday, November 25, 2019

दांत ब्रश कैसे करें..

पहले देखकर निश्चिंत कर लें कि ब्रश और पेस्‍ट है घर में. जीभ घुमाते हुए मुंह में दांत का कर लें. और जीभ अपने मुंह में ही घुमायें. उसके बाद पूरे घर की एक टहल कर लेंसुनिश्चिंत हो लें कि घर आप ही का हैदेह और मुंह अभी आपके कब्‍जे में हैअमित शाह और कंपनी ने उसका आलरेडी कोई वारा-न्‍यारा नहीं कर दिया है. नतीजे की खबर लगते ही तेजी से ब्रश करना शुरू कर देंवर्ना ए.एस एंड कंपनी के वारा-न्‍यारा करने की काबिलियत की चिंताओं में आप ऐसा उलझेंगे कि हाथनाथ और माथ किंकर्तव्‍यविमूढ़ताओं की एक ऐसी मदहोशी में आपको पटक देगी कि ब्रश तो क्‍यामुंह से बाप जपना भी आपके बस में न रहेगा. तो पहली बातबस के रहतेब्रश कर लें. और तेजी सेजल्‍दी-जल्‍दी कर लें.

अजीत शरद के इशारे पर हैया अमित के सहारों परया महाराष्‍ट्र का कौन सहारा हैइस सवाल की भी न सोचें. ि‍किसी भी सवाल की न सोचें. आज सुनील दत्‍त होते तो वह भी नहीं ही सोच रहे होते. रहे जब तक सोचकर उखड़ा कुछ? आह, चेहरे पर क्‍या भाव होताया सोनिया के सामने बैठे चाय के अनपिये कप को निरखते बिमल राय की 'सुजाताके किस संवाद की री-साइकलिंगरी-पैकेजिंग करतेऔर उसके बाद भी हवा के हवाई होने की सूरत न बनती यही तो मिलता सोचकर, फिर? मतलब यही कि सुनील दत्‍त की न सोचें. समय रहते सुनील दत्‍त निकल गए तो सोचकर ही निकले होंगेऔर आपकी जानकारी को बता दें कि बिना ब्रश किये ही निकले थे. तो अभी भी आपके बस में हैब्रश कर लीजिए. निकलना तो सुनील और दत्‍त को क्‍याआपहममनोरमा मौसीए एंड एस एंड कंपनी और उनके सब बिरादर और बापों को भी है. मुकेश और सुकेश को भी है. जीवन में जियो और पियो जितना खुराफात और उत्‍पात मचाना हैमचा लें, उसके बाद सड़क के आखिरी मकान के उस पार सिपाही हाथ में पुरची लिए खड़ा मिलता ही है कि गुरुचलिएअब टाईम हुआ.

हो गया ब्रशअभी शुरु भी नहीं हुआघंटा इन्‍हीं लक्षणों पर ब्रश करेंगेकर पायेंगे कभीक्‍या फटीचर जनाना का हस्‍बैंड हैंयारया हस्‍बैंड की जनानाजो भी हैं घंटा करो ब्रश और खतम करोऔर जल्‍दी करो!

'हवा रेत और सितारेएक पतली किताब हैमेज़ पर सामने मेहराईमुरझाई गिरी पड़ी है. जो लिखे रहे, आंतुआं द सां-एक्‍सुपेरीज्‍यादे वक्‍़त वह भी बिना ब्रश के ही रहेज्‍यादे वक्त हवा में रहेज्‍यादा फुरसत रही ही नहीं कभी. हिन्‍दी में हवा रेत और सितारे देख सकेंइसकी भी न रही. हम भी मेज़ पर जो देख रहे हैंअपने ख़यालों की हिन्‍दी में ही देख रहे हैंअसल में जो पड़ी मुरझा रही है वह अंग्रेजी में है. फातिमा भुट्टो ने ख़ुदजीवन और पाकिस्‍तान की बलिहारियों पर पांच किताबें लिखी हैंआखिरी जो है उसमें भी सितारे हैंअफ़सोस कि वह उर्दू-हिन्‍दी रहित अंग्रेजी में ही हैं. अमरीकी यूनिवर्सिटियों में एक पुरानी हवा हैकि किसी थीम की छतरी के नीचेबतौर एक सीरीज़अलग-अलग लोगों से अलग-अलग किताबें लिखवाओ. जैसे यह फातिमा वाली किताब हैकोलम्बिया यूनिवर्सिटी की एक सीरीज़ हैकोलम्बिया ग्‍लोबल रिपोर्ट्स के तहत लिखवाई गई है. अपनी अमित एंड कंपनी होती तो कहती अबे अच्‍छा फालतू मज़ाक बना रखा है, ये सारा पैसा इस और उस पढ़ाई पर खराब हो रहा है, जबकि छनाई पर हो सकता रहा? ये पाकिस्‍तानी तमाशाशिफ्ट करो सारा रिसोर्सेस अडानी की कंपनी की तरफ़मज़ाक बना रखा है यूनिवर्सिटी फंड काअबेकौन दांत ब्रश कर रहा है मेरी पीठ पीछे?

मतलब अभी तक नहीं कियाससुर (या सास?) तुमरे बस का नहीं है ब्रश करनाछोड़ोरहने दो.


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