एक यथार्थ होता है, दूसरा माया-महार्थ होता है। कभी पकड़ में आता है, कभी पकड़ के बाहर के धुंधलकों में गुमता रहता है। पकड़ और गुम के इस धुआंयेलोक में, आइये, कुसखेत (हिमखाल, उत्तराखंड का एक भीतरी गांव) की पहेेली में आज आगे चलते हैं..
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